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Saturday, June 20, 2015

जाने क्यों, वो मेरी उमीन्द की डोर टूटने नही देता,

जाने क्यों, वो मेरी उमीन्द की डोर टूटने नही देता,
बस और दो कदम साथ चलने का वास्ता देकर,
वो मुझे रुकने नही देता……!!
बात करता है, वो हंस-हंस कर, खुश रहने की
वास्ता देकर अपनी खुशी का, वो मुझे रोने नही देता.
बढाता है होंसला मेरा, की हर पल मेरे साथ है,
वास्ता देकर अपने साथ का, वो कभी मुझे अकेला होने नही देता
कहता है, ज़िन्दगी जीने का नाम है,
वास्ता देकर ज़िन्दगी का, वो मुझे मरने नही देता !

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